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आचार्य एस पी गुप्ता जी का जन्म भगवान शिव और आध्यात्म को समर्पित एक उच्च धार्मिक परिवार में हुआ था। बचपन से ही अपने दादा के सानिध्य में रह कर इनकी रूचि वेद - पुराण, भारतीय संस्कृति और रत्न - रुद्राक्ष में होने लगी।

वह एक मेकैनिकल इंजीनियरिंग स्नातक हैं और उन्होंने भारतीय और बहु राष्ट्रीय कंपनियों में कॉरपोरेट जगत में नेतृत्व के पदों पर कार्य किया है। वह चार साल पुणे में भी कार्यरत थे।

लेकिन वह हमेशा रुद्राक्ष और रत्न की ओर आकर्षित होते थे। फिर एक दिन यह अमरनाथ जी के दर्शन कर के लौट रहे थे , तभी से इनका हृदय परिवर्तित हो गया। तत्पश्चात उन्होंने दृढ़ संकल्प लिया की जनहित में अपना बाक़ी जीवन व्यतीत करेंगे। उसी शामे से वह अपने दादा के पद चिन्हो पर पुरी निष्ठां से चलने का प्रयास करने लगे।

उसके बाद उन्होंने ज्योतिषाचार्य की शिक्षा प्रारम्भ की और अधिक जानकारी के लिए रुद्राक्षों और रत्नो का संग्रह, अध्ययन, विश्लेषण और रत्न - रुद्राक्ष के बारे में विभन्न तथ्यों को संकलित करके अपनी रूचि पर अमल किया। उन्होंने अपने दादा श्री राम गोपाल गुप्ता (जो वेदों - पुराणों विशेष के जानकार थे। ) से जो जानकारी प्राप्त हुई थी उसका परीक्षण किया और शास्त्र, वेद और पुराणों में रत्न - रुद्राक्ष के बारे में उपलब्ध विवरणों का गहराई से अध्ययन किया।

रुद्राक्ष - रत्न की असीम शक्ति, ऊर्जा के संदेश को जनहित और विश्व में पहुचाने के सपने को आगे बढ़ाने के लिए एस्ट्रो बी जे की स्थापना की। एस पी गुप्ता जी एस्ट्रो बी जे और ज्योतिष विद्या के माध्यम से लोगो को रुद्राक्ष - रत्न के लाभों के बारे में शिक्षित करने के मिशन पर है।

उन्हें रुद्राक्ष - रत्न विषेशज्ञ के रूप में पहचाना जाता हैं। विशेष रूप से वैदिक ज्योतिषाचार्य के नाम से जानते है - आचार्य जी को ज्योतिष रत्न, ज्योतिष भूषण की उपाधि से भी नवाज़ा गया है। उन्होंने अपने जीवन में हज़ारो लोगों को वैदिक ज्योतिष का ज्ञान प्रदान किया।

ज्योतिष से सुझाये गए रत्न - रुद्राक्षों को लोगों ने धारण करके अपने जीवन में अच्छे परिवर्तन की सुचना दी और उनसे प्राप्त अनुभवों ने हज़ारो अन्य लोगों में सकारात्मक परिवर्तन लाने में मदद की है। वह ज्योतिष विद्या और रुद्राक्ष - रत्न के विशेषज्ञ होने से लोगों के व्यक्तित्व को उभारना, सांसारिक पीड़ा और दैवीय कष्टों को दूर करना, लोगों के जीवन को सशक्त बनाने में अपना जीवन आध्यात्म में समर्पित कर दिया है।